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एकता दिवस

'राष्ट्रीय एकता दिवस'

 

        दिनांक 31 अक्‍टूबर, 2018 को अटल बिहारी वाजपेयी हिन्‍दी विश्‍वविद्यालय में लौह पुरूष सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय एकता दिवस संपूर्ण गरिमा एवं उल्‍लास के साथ मनाया गया । इस अवसर पर  एकता  और  अखण्‍डता  की  शपथ   ली गयी ।  विश्‍वविद्यालय    के कुलपति प्रो. रामदेव भारद्वाज एवं कुलसचिव डॉ. एस. के. पारे की उपस्थिति में  शपथ विश्‍वविद्यालय के संकायाध्‍यक्ष डॉ. प्रज्ञेश कुमार अग्रवाल द्वारा दिलायी गयी ।

        

          एकता दिवस के आयोजन के अवसर पर पब्लिक रिलेशन सोसायटी के अध्यक्ष एवं रोजगार और निर्माण के संपादक श्री पुष्पेंद्र पाल सिंह ने समस्‍त उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए कहा कि ''देश में एकता के स्‍वर को सबसे ज्‍यादा बुलंद स्‍वतंत्रता सेनानी लौह पुरूष वल्‍लभ भाई पटेल ने किया था । वे उस सदी में आज के युवा जैसी सोच के व्‍यक्ति थे जो सदैव देश को एकता का संदेश देते थे । उन्‍हीं को श्रद्धांजलि देने हेतु उनके जन्‍म दिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप मे मनाया जाता है ।''  

 

        श्री पुष्‍पेंद्र पाल सिंह जी ने कहा कि सरदार वल्‍लभ भाई पटेल ने भारत की सभी रियासतों को मिलाकर अखण्‍ड भारत की रचना की थी । उनमें देश के विभिन्‍न हिस्‍सों को एकता के सूत्र में पिरोने का अदम्‍य साहस था । श्री  सिंह ने अपने उद्वोधन में कहा कि देश का आधार उसकी एकता एवं अखण्‍डता में ही निहित होता है । भारत देश कई वर्षो तक गुलाम था, इसका सबसे बड़ा कारण था जनता के बीच एकता की कमी होना । इस एकता की कमी का सबसे बड़ा कारण उस समय में सूचना प्रसारण के साधनों का न होना था ।

            श्री सिंह ने आगे कहा कि देश मे कई सांम्‍प्रदायिक और असमाजिक ताकतें अपना जोर दिखा रही हैं । लेकिन जब तक हम सभी संगठित और एकजुट हैं, तब तक भारत के खिलाफ कोई भी ताकत अपने इरादों मे कामयाब नहीं हो पायेगी । श्री पुष्‍पेन्‍द्र सिंह जी ने वर्तमान में एकता का महत्‍व बताने हुए कहा कि ''किसी भी देश की अर्थव्‍यवस्‍था एवं न्‍याय प्रणाली तब ही सुचारू हो सकेंगी जब व्‍यवस्‍था सुचारू होगी । उस दिन देश के विकास में कोई कठिनाई नहीं होगी ।''

            सभा को संबोधित करते हुए विश्‍वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. रामदेव भारद्वाज ने कहा कि आज के दिन को भारत की एकता का प्रतीक माना जाता है। उन्‍होंने यह भी कहा कि सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची विश्‍व की सबसे ऊंची प्रतिमा का विमोचन कर भारत के माननीय प्रधानमंत्री ने उन्‍हे सम्‍मानित कर देशवासियों को एकता का संदेश दिया है ।

            उनके अनुसार 2014 के बाद से 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के बारे में जागरूकता बढ़ाने और महान व्यक्ति को याद करने के लिए राष्ट्रव्यापी मैराथन का आयोजन किया जाता है। इस दिवस के आयोजन से देश की युवा पीढ़ी को राष्ट्रीय एकता का सन्देश पहुँचता है, जिससे आगे चलकर वे देश में राष्ट्रीय एकता का महत्व समझ सकें । उन्‍होंने यह भी कहा कि इस मौके पर देश के विभिन्न स्थानों में कई कार्यक्रमों का आयोजन होता है।

 

                  इस अवसर पर परिसर में छात्रों द्वारा एकजुटता और अखण्डता को दिखाने वाली एक रैली भी निकाली गयी जिसमें विश्‍वविद्यालय के सभी छात्रों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। रैली में शामिल छात्रों को विश्‍वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. एस.के. पारे ने संबोधित किया ।

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