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2- दिनांक 01 दिसंबर को व्‍याख्‍यान ''अंटार्कटिका- 'विज्ञान और चुनौती' ''-

          अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्विविद्यालय में शनिवार को अंटार्कटिका- 'विज्ञान और चुनौती' विषय पर एक व्या‍ख्यामन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य  वक्ता पोलरमैन के नाम से जाने जाने वाले डॉ. प्रकाश खातरकर ने विषय पर छात्रों से जानकारी साझा की। डॉ. खातरकर के अनुसार उन्होंने 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार वाले बर्फीले तूफान में 6 घंटे बिताये। पृथ्वी के दक्षिणी छोर पर स्थित अंटार्कटिका में सियाचिन की तरह ही बर्फीले तूफान और खून जमा देने वाली ठंड पड़ती है। वहां डॉ. प्रकाश खातरकर अपनी रिसर्च के सिलसिले में 14 महीनों तक रहे। डॉ. खातरकर ने बताया कि ‘पृथ्वी का साउथ पोल अंटार्कटिका में है। यहां तापमान माइनस 55 से 89 डिग्री तक होता है। सामान्य व्यक्ति को वहां जाने की अनुमति नहीं है। सिर्फ वैज्ञानिक ही वहां रिसर्च के लिए जाते हैं। डॉ. खातरकर ने आयन मंडल में संचार की संभावनाओं विषय पर शोध कार्य किया। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर एस के पारे के अलावा सभी शिक्षक कर्मचारी और अधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित रहे।

                                  

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1-दिनांक 16 अक्‍टूबर को व्‍याख्‍यान ''भाषा का गणित'' -

                अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्ववि़द्यालय में महात्मा गांधी की 150वीं जन्मशताब्दी पर होने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला में ''भाषा का गणित'' विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। विश्‍वविद्यालय के गणित विभाग के शिक्षक डॉ. राजेश मिश्रा इस व्‍याख्‍यान के मुख्‍य वक्‍ता रहे।

               डॉ. राजेश मिश्रा ने कहा कि एशिया और यूरोप की भाषाओं में वैदिक संख्याओं और शब्दों की समानता को देखते हुए भाषा वैज्ञानिकों ने इन्हें भारोपीय घोषित किया है। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. राजेश मिश्रा ने बताया कि आर्यभट्ट ने दशमलव का अविष्कार किया। जबकि यूरोप में 17वीं शताब्दी से दशमलव प्रचलन में आया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रचलित संख्या प्रणाली हिन्दुस्तान की ही देन है।

               कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. रामदेव भारद्वाज, कुलसचिव प्रो.  एस.के. पारे, वाणिज्य संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. अनिल शिवानी, कला संकाय की संकायाध्यक्ष प्रो. रेखा राय, आधारभूत विज्ञान, संकायाध्यक्ष प्रो. प्रज्ञेश अग्रवाल, सभी शिक्षक गैर शैक्षणिक कर्मचारी एवं विद्यार्थी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

  

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